रेडियो से सम्बंधित
रेडिओ एक ऐसा नाम है जिसका नाम सुनते ही एक अलग से आनंद का एहसास होता है । रेडिओ सूचना संचार एंव मनोरंजन का सबसे पुराना माध्यम है जिसकी महता कल भी थी आज भी है और कल भी रहेगी। रेडियो की उपयोगिता से कभी भी इनकार नही किया जा सकता यह सबसे सुलभ व कम खर्चे का सूचना माध्यम है जहां टेलीविजन की पहुंच नही होती वहां रेडिओ की पहुंच होती है जिसे बिना उपकरणों के चलते फिरते काम करते हुए सुना जा सकता है। और रेडिओ में रोजगार की भी बड़ी सम्भावनाएं है। यही कारण है कि आज देश में सरकारी रेडिओ(आकाश वाणी) के सेकड़ो केन्द्र होने के आलावा FM निजी रेडियो केन्द्र भी सेकड़ो की संख्या में खुल चुकें है जिनमें आज हजारों लोग रोजगार पा रहे हैं। इसके आलावा देशभर में सामुदायिक रेडिओ स्टेशन भी है जो स्थानीय कला प्रतिभाओं को मंच देने के अतिरिक्त जन जागरूकता के लिए भी महत्वपूर्ण साबित हो रहा है।
आज घरों से लेकर के तमाम वाहनों में भी रेडियों कार्यक्रम प्रमुखता से सुनें जा रहे है और अगर देखा जाये तो रेडियों, कुछ मामलों में फिल्म, टेलीविजन से आगे बढ़ गया , रेडियो की उपयोगिता और लोकप्रियता हमेशा ही बनी रहेगी।
अतः उफतारा का उददेश्य यह भी है कि रेडियों स्टेशनों और रेडियो कार्यक्रमों को उत्तराखण्ड में लगातार विस्तार एवं प्रोत्साहन मिलता रहे।
Comments are closed.